अध्यात्म के महाकुम्भ में हाथरस की आध्यात्मिक भूमिका

हाथरस। पुण्य सलिला गंगा, यमुना और अदृष्य सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम ‘तीर्थों के राजा प्रयागराज’ की राग, द्वेश रहित पावन नगरी के रेती में जहाँ भारतवर्श के हर प्रान्त से लोग बिना कोई चिट्ठी पाती, बिना निमंत्रण मात्र कलैण्डर और पुरोहितों द्वारा बताई गई तिथियों के आधार पर लाखों की तादात में इन दो … Continue reading अध्यात्म के महाकुम्भ में हाथरस की आध्यात्मिक भूमिका